” मैं तेरे ही पास हूँ…”

इश्क का दरिया हूँ मैं, मैं सागर की प्यास हूँ…
बरसों से लापता है जो, वो तेरी तलाश हूँ…

अंधेरों को रोशन कर दे, वो जीने कि आस हूँ…
मोत को ज़िन्दगी कर दे, मैं तेरी वो सांस हूँ…

दिल कि तेरे धड़कन हूँ मैं, सुकून का एहसास हूँ…
दफन है दिल मे जो तेरे, वो तूफानी राज़ हूँ…

तड़पता है मेरे लिये, सिर्फ इसीलिये उदास हूँ…
बंद आँखों से देख ज़रा, मैं तेरे ही पास हूँ…

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Responses

  1. कल में क्या ढूंढ़ता है मुझे , मैं तेरा आज हूं ….
    जितना करता हैं रब पर , उतना ही तेरा विश्वास हूँ ..

    बंद आँखो से देख ज़रा , मैं तेरे ही पास हूँ …..

    एक दफ़ा फिर आप ने मुर्दे में जान भर दी …..Nicee one…komal ji

      1. इक सराहनीय प्रयास मेरी तरफ से , आपके लिए …..
        इक मनभावन अरदास , ख़ुदा की महफ़िल में , मेरी तरफ से , आपके लिए …

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