मैं लिखता हूँ रात भर
मैं लिखता हूँ रात भर कविता
तू सुबह पढ़ कर खुश होती है।
मैं जब कभी हँसता हूँ खुशियों में
मुझे तू हँसता देख कर रोती है।
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PRAGYA SHUKLA - July 14, 2020, 1:40 pm
Kya baat hai
Abhishek kumar - July 15, 2020, 11:43 pm
Thanks
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - July 14, 2020, 10:58 pm
Khoob
Abhishek kumar - July 15, 2020, 11:43 pm
Thank u
प्रतिमा चौधरी - September 26, 2020, 1:40 pm
बढ़िया