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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
नयन अश्कों से भिगोता रहा हूं मैं जिन्दगी भर
नयन अश्कों से भिगोता रहा हूं मैं जिन्दगी भर । गजल उनको ही सुनाता रहा हूं मैं जिन्दगी भर । दरख्ते उम्मीद अब है कहां…
इस बार की नवरात्री
इस बार घट स्थापना वो ही करे जिसने कोई बेटी रुलायी न हो वरना बंद करो ये ढोंग नव दिन देवी पूजने का जब तुमको…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
परदेश चला गया हमारा लाल
चला गया है परदेश हमारा लाल पूँछ लेता है फोन पर कभी कभी हमारा हाल चाल बेटा— बहुत बिजी हूँ माँ टाइम नहीं मिलता…
बहुत सुंदर
थैंक्स
वाह
धन्यवाद
बहुत सुंदर