यह कोरोना है देशवासियों..
कोरोना का कहर हुआ,
गली-गली हर शहर हुआ।
आ गई है दूजी लहर,
कोरोना ने कितना बीमार किया।
दर्द दिया लाचारी दी,
बहुत बड़ी बीमारी दी
परेशान बहुत किया इसने,
कितनी बड़ी महामारी दी।
फ़िर भी, किसी को पिकनिक मनानी है,
किसी को नदी नहानी है।
यह कोरोना है देशवासियों,
भीड़ नहीं लगानी है।
जब तलक है महामारी यह,
मास्क भी लगाना है,
दो गज दूरी बनानी है।
नम्बर आए जब आपका,
वैक्सीन लगवानी है॥
_____✍गीता
समसामयिक रचना, सही बात, उत्तम काव्य
आपकी एक समीक्षात्मक टिप्पणी के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद इंद्रा जी
आपकी इस प्रेरक समीक्षात्मक टिप्पणी के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद इंद्रा जी, हार्दिक आभार