Categories: शेर-ओ-शायरी

पंकजोम " प्रेम "
तराश लेता हूँ सामने वाले की फितरत ......
बस एक ही नज़र में .....
जब कलम लिख देती है , हाल - ए - दिल ....
तो कोई फ़र्क नहीं रहता .....
जिंदगी और इस सुख़न - वर में....
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sach me rang jam gaya
Dhnyawad ji….rang jmane k liye…..
Waah waah… Kya baat hai..
Tnquuuuu ji…
Nice
Sukkriyaaa pnaaa bhai..
nice !!!!
Tnquuu devika ji…
nyc !!
Thnqu mere madhav…
कोई ” वाह ” ” वाह ” करके थोड़ा और रंग जमा दो
बहुत खूब