” रंग जमा दो “
थोड़ा मायूस हूँ , थोड़ा तन्हा हूँ ..
कोई राह – ए – ख़ुशी बता दो….
ख़ुद की ख़ामोशी देख , ख़ामोश क़ायनात भी दिख रही हैँ …..
कोई मुस्कुराना सीखा दो ….
बे – रंग हो गयी हैं , चेहरे की रौनक ….
कोई ” वाह ” ” वाह ” करके थोड़ा और रंग जमा दो ….
पंकजोम ” प्रेम “
sach me rang jam gaya
Dhnyawad ji….rang jmane k liye…..
Waah waah… Kya baat hai..
Tnquuuuu ji…
Nice
Sukkriyaaa pnaaa bhai..
nice !!!!
Tnquuu devika ji…
nyc !!
Thnqu mere madhav…
कोई ” वाह ” ” वाह ” करके थोड़ा और रंग जमा दो
बहुत खूब