लाख अपने गिर्द हिफाजत की लकीरें खीचूँ
लाख अपने गिर्द हिफाजत की लकीरें खीचूँ,
एक भी उन में नहीं “माँ ” तेरी दुआओं जैसी,
लाख अपने को छिपाऊँ कितने ही पर्दों में,
एक भी उन में नहीं “माँ” तेरे आँचल जैसा,
लाख महगे बिस्तर पर सो जाऊँ मैं,
एक भी नहीं “माँ” उनमें तेरी गोद जैसा,
लाख देख लूँ आइनों में अक्स अपना,
एक आइना भी नहीं “माँ” तेरी आँखों जैसा,
लाख सर झुका लूँ उस मौला/भगवान के दर पर,
एक दरबार भीं नहीं “माँ” तेरे दर जैसा॥
राही
Shi kaha
Maa Teri Duaa
nice
Nice
Waah
Maa lvu
Waah
Badhiya
Nice one
Good sir
Waah jai maa
Nyc
सुंदर
Nice bro..
बढ़िया
वाह g
Badhiya sir
Nyc sir
Good one
Good papa
Badhiya shakun sir
Behatreen bahut hi umda line bhai ji
Maa pyari maa
Nyc
अच्छा है सर
Good bhai ji
Badiya
Nice
…….
Waah jiju
Waah jija ji
नया इण्डियन आयडिल…
Well done sir
०sm
nyc
Waah
Waah
Waah sir
Mast
Bhaiya badhiya h
Waah
Nice
Waah
Best
Awesome. ??
Nice lines
Waah
Badhiya sir
Waah
Gud
Waah
बेहतरीन काव्य राही जी
nice
Behtreen sid
Waah
Jija ji waah
सभी मित्रों को वोट और कमेंट करने के लिए मेरा ह्रदय तल से आभार। Thank you all frndz love u all
वाह