Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Panna
Panna.....Ek Khayal...Pathraya Sa!
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
कोरोनवायरस -२०१९” -२
कोरोनवायरस -२०१९” -२ —————————- कोरोनावायरस एक संक्रामक बीमारी है| इसके इलाज की खोज में अभी संपूर्ण देश के वैज्ञानिक खोज में लगे हैं | बीमारी…
पहचान
बेकद्रों की महफ़िल मे कद्रदान ढूंढ रहा हूँ अनजान लोगो मे अपनी पहचान ढूंढ रहा हूँ अंधेरा करने वालों से रौशनी की मांग कर रहा…
उम्मीद
उम्मीद की किरण जगमग आई है, आज फिर याद मुझे तेरी ओर लाई है। जमाने की तपिश, जिम्मेदारियों का बोझ.. सहते -सहते दबी राख सुगबुगाई…
wah!
thanks
लफ़्ज ढूढ रहे है बसेरा …. Subhan Allah … kya baat hai Panna Saheb
thanks sir
Good
Good