Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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करो परिश्रम ——
करो परिश्रम कठिनाई से, जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो त जब मँक्षियारा नाव चलाता,…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
माँ
माँ: जीवन की पहली शिक्षिका ******************** जीवन की पहली गुरु, मार्गदर्शिका कहाती है हर एक सीख,सहज लब्जों में सिखाती है ।। धरा पे आँखे खुली,माँ…
करो परिश्रम कठिनाई से
करो परिश्रम कठिनाई से, तुम जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो तुम मँक्षियारा से ।…
ईमानदारी और अनुशासन
ईमानदारी और अनुशासन सब देते है इस पर भाषण पर किसी का नहीं है इस पर शासन जब आता है गुस्सा जो मर्ज़ी है बोलते…
Khoob
Thanks
Sunder
Thanks
Nyc
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Wah
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