वीरों का वेलेंटाइन
किसी की माशूक
किसी की मंगेतर।
किसी की नवोढ़ा
किसी के प्रियवर।।
मन का तार जोड़ के बैठी
प्रिये तुम कब आओगे?
वेलेंटाइन आ गया
प्रिये तुम कब आओगे?
भारत माँ के वीर सिपाही
हमको शरहद प्यारी है।
दिया गुलाब धरती ने पहले
जिसका दिल आभारी है।।
रक्त कुसुम ले माँ भारत को
आखिर कब प्रपोज करोगे?
दिल से निकलकर दुनिया में
आखिर कब तुम छाओगे?
‘विनयचंद ‘ हम वीर युवा के
इससे बड़ा क्या वेलेंटाइन होगा?
बहुत-बहुत सुंदर👏👏
जय हिन्द
👏👏
जय हिंद
😥🙏🙏
जय हिंद जय भारत
Ati sunder pandit ji
Nice
Nice
Good