शख्सियत मेरी

आरज़ू नहीं रखता कि पूरी कायनात में मशहूर हो शक्सियत मेरी।
जनाब! आप जितना जानते हो सच में उतनी ही है पहचान मेरी।।

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आरज़ू

आरज़ू नही रखता कि पूरी कायनात मे मशहूर हो शक्सियत मेरी। जनाब! आप जितना जानते हो बस उतनी ही है पहचान है मेरी।।

Responses

    1. शास्त्री जी आपका और मेरा साथ कितना पुराना है और मैंने कभी भी क्या से भरा हुआ नहीं पाया आप सभी के साथ समान व्यवहार करते हैं आपके चेहरे पर जो कांति है मुझे बहुत अच्छी लगती है

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