Categories: शेर-ओ-शायरी
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बूंद बूंद बूंदें।
बूंद बूंद बूंदें बूंद बूंद बूंदें बूंद बूंद बरसती है , आंखों से मेरी । तूने क्यों की रुसवाई , जज्बातों से मेरे। बूंद बूंद…
एक बूंद मुस्कराहट
तुमे शायद पता नहीं, एक दिन चुपके से मैने, चुरा ली थी तुमारे होठों से, एक बूंद मुस्कराहट। कई दिन छुपा के रखता रहा, कभी…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
जिसको जरूरत होती है….
जिसको जरूरत होती है वही साथ चलता है बिन जरूरत वाला तो बस तनक़ीद करने को ही मिलता है। अपना मतलब न सोचे दूसरे…
है चाह मिलूं उससे जो अक्सर
गजल है चाह मिलूं उससे जो अक्सर नहीं मिलता | दीवार घरों में है मगर घर नहीं मिलता | ये आप भी देखें है कि…
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