Categories: काव्य प्रतियोगिता
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
रुक्मणि की व्यथा
श्याम तेरी बन के मैं बड़ा पछताई न मीरा ही कहलाई न राधा सी तुझको भायी श्याम तेरी बन के मैं बड़ा पछताई न रहती…
छत्तीसगढ़ के घायल मन की पीड़ा कहने आया हूँ।
मैं किसी सियासत का समर्थन नहीं करता हूँ। भ्रष्टाचार के सम्मुख मैं समर्पण नहीं करता हूँ॥ सरकारी बंदिस को मैं स्वीकार नहीं करता हूँ। राजनीति…
कलम – किसी की जुबानी
कलम – किसी की जुबानी कलम से ही होती है शुरू किसी कोरे पन्ने की जिंदगी है। कलम से ही होती है शुरू किसी लेखक…
Nice
Very nice
👌👌
वाह