सच का समन्दर
सच के समन्दर में झूठ की कश्तियाँ डूबती नज़र आती हैं,
जहाँ तलक नज़र जाती है बस सच की कश्तियाँ नज़र आती हैं,
बढ़ते झूठ के सुनामी हैं कई सच की बस्तियाँ गिराने को,
मगर बह जाती हैं झूठ की बस्तियाँ सारी बस सच की बस्तियाँ तैरती नज़र आती हैं॥
राही (अन्जाना)
kya khoob kha ji
10X bro
बहुत बढ़िया
10X