Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: #shayri

UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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( दुनियां ) एक सोच में डूबी हूँ क्या करूँ और किस काम को छोड़ दूं…. महाकाल , भयावह काल , कोरोना काल का यह…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
कमाए तूने पत्थर, चाहता है हीरे बंदिया
ता-उमर लगायी दौलत कमाने मैं तूने जो कमाया अब वोही तो तेरा है बंदिया बेवफ़ाई पे मेरी क्यों तूँ इतना बिखर गया वफ़ा तूने क्मायी…
अकड़ तेरी सब झूठी बंदिया
अकड़ तेरी सब झूठी बंदिया है कुछ ना तेरे हाथ में बंदिया …… यूई
म्हा- शक्ति
मौलिक–विचार है म्हा–शक्ति, जो उसने ख़ुद तेरे चित् जगाई है, रहते ख़ास कारण उसके काम मैँ,क्यों उसने तुममे यह भरपाई है ? निर–विचार जो…
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