समीकरण

कुछ समीकरण
पारस्परिक खींचतान
झूंठी प्रतिस्पर्धा
ईर्ष्या ,द्वेष
अहंकार सृजन और विसर्जन
व्यक्तित्वों का टकराव
झूठी अफवाहें
सूनी निगाहें
आत्मिक वेदना
कम होती चेतना
शीत युद्ध
अलग- अलग ध्रुव
विलगित से निकाय
न भरने वाले घाव

चाँद का उगना
कोने कोने को प्रकाशित करना
रात अनमनी सोई सी
चीखती दीवार
कर्ण पट का फट जाना
आदमियों का ज़िंदा गोस्त हो जाना
श्वान ,बिलाव शिकारों की ताक में
पेट भरने के फ़िराक़ में

इंसानों का कोने में छिप जाना
अपने से ही दुबक जाना
चेहरों को छिपा कर
चेहरों को बदल देना
जो बताना था
वह छुपा लेना
कुछ अनर्गल ,अयाचित
अप्रत्याशित बोल देना

धीरे धीरे समीकरणों में
जंग लगना शुरू हो जाता है
समीकरण घिसते जाते हैं
रिश्ते खिंचते जाते हैं
इतना
कि चटाक की आवाज़ से
डोर टूट जाती है
और सब बिखर जाता है
इधर उधर
यहाँ वहां
और शुरू हो जाता है
सिलसिला
हर घटना को एक खास प्रिज्म से देखने का
प्रकाश की हर किरण को वर्ण विक्षेपण में बदलने का

कठोरता न्याय हो जाती है
किसी की हत्या होती है
किसी को आत्म हत्या करनी पड़ती है
और हत्या एक परंपरा बन जाती है
हत्या और हत्या
एक हत्या से निकलती है
दूसरी हत्या
और अंतहीन सिलसिला प्रारम्भ हो जाता है
हत्याओं का
नाटकों का
करुण विलापों का
और अनर्गल प्रलापों का

सारी हत्याएं हत्याएं नहीं होती है
कुछ हत्याओं को शहादत का नाम दिया जाता है
कुछ हत्याओं को बदनाम किया जाता है
कुछ हत्याएं पा जाती हैं सरकारी सहानुभूति और आश्रय
क्रय विक्रय का खेल का शुरू हो जाता है
मज़हब और सियासत का मेल शुरू हो जाता है

समीकरण फिर से गढ़े जाने लगते हैं
तमगे फिर से जड़े जाने लगते हैं
चीज़े सांप्रदायिक रंगो में रंगी जाने लगती है
आदमी इंसान नहीं
ज़्यादा हिन्दू मुसलमान हो जाता है
कहीं अख़लाक़ मारा जाता है
कहीं नारंग काटा जाता है
और चीखें बढ़ती जाती है
आवाज़ें दब जाती हैं
हमेशा हमेशा के लिए ।

तेज

Related Articles

समीकरण

कुछ समीकरण पारस्परिक खींचतान झूंठी प्रतिस्पर्धा ईर्ष्या ,द्वेष अहंकार सृजन और विसर्जन व्यक्तित्वों का टकराव झूठी अफवाहें सूनी निगाहें आत्मिक वेदना कम होती चेतना शीत…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

अपहरण

” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों  की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…

Responses

New Report

Close