मैं यह शिद्दत से महसूस करता हूँ
मैं यह शिद्दत से महसूस करता हूँ लिख – लिख कर मैं कागज नहीं अन्तर की रिक्तता को भरता हूँ रिक्त स्थान कुछ ऐसे हैं… मन के अन्दर बैठे हैं वें प्रश्न पूंछ्ते रहते हैं मैं उत्तर देता रहता हूँ दुनिया हिस्सों में बंटी हुई कितने किश्तों में कटी हुई एक दूसरे से कितनी सटी हुई मन चाहे सबको एक करुँ बेफिक्रो की भी थोड़ी फिक्र करुँ दुनिया की ही केवल फिक्र नहीं मैं अपनी फिक्रो में भी रहता हूँ ज़िंदगी ... »