साथी हाथ बढ़ाएं

चल साथी हाथ बढ़ाएं ,मिलकर सबको पार लगाएं
क्या हुआ जो कोई छोटा क्या हुआ जो कोई रूठा
हम अपना कर्तव्य निभाएं मिलकर सबको पार लगाएं।
कर्म पथ पर चलने वाले मन में बैर न रखते हैं
अपनी जिम्मेदारी को ही अपना तप समझते हैं।
उम्मीदों का दामन थामे सपनों का संसार पड़ा है
छोटे छोटे सपने थामें खुशियों का अंबार खड़ा है
खुशियां बांटे खुशियां पाएं क्यों दोष को मन में लाएं।
चल साथी हाथ बढ़ाएं मिलकर सबको पार लगाएं।

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