सारी दुनिया का यही, क्यूँ है ये हाल सही..….!(गीत)
सारी दुनिया का यही, क्यूँ है ये हाल सही..….! (गीत)
सारी दुनिया का यही, क्यूँ है ये हाल सही,
बाँहों में और कोई, ख्यालों में और कोई…
ख्यालों में और कोई, बाँहों में और कोई..….
यारों, जिसे कहते वफ़ा, वो क्या है वफ़ा सही,
वफ़ा ख़ुद से बेवफाईi, तो ये कैसी वफा, भाई….
सारी दुनिया का यही, क्यूँ है ये हाल सही,
बाँहों में और कोई, ख्यालों में और कोई ……
जाने क्या है सही यहाँ, जाने क्या है गल्त यहाँ,
जाने क्या है बुरा यहाँ, जाने क्या है भला यहाँ,
जाने क्या है पुण्य यहाँ, जाने क्या है पाप यहाँ,
पाप क्यूँ दिल लुभाए, रुलाये क्यूँ भलाई…….
सारी दुनिया का यही क्यूँ है ये हाल सही,
बाँहों में और कोई, ख्यालों में और कोई…
जाने ये कैसे हुआ, झूट ही सच है यहाँ,
जिसे सच कहते सभी, वो तो सच है ही नहीं…..
सारी दुनिया का यही, क्यूँ है ये हाल सही,
बाँहों में और कोई, ख्यालों में और कोई…
ख्यालों में और कोई, बाँहों में और कोई..….
” विश्व नन्द ”
Nice
Neelam ji, Hardik Shukriya …!
बेहद सुंदर, डायेरेक्ट दिल से
Anirudh Sethi ji, गीत की प्रशंसा के लिए स -ह्रदय धन्यवाद ..! 🙂
वाह
Good