हिन्दी कविता – ये राजनीती है |

हिन्दी कविता – ये राजनीती है |
न कोई सिद्धान्त न ईमान ये राजनीति है |
न कोई भगवान न शैतान ये राजनीति है |
जो है आज दोस्त कल बन जाएंगे दुश्मन |
न कोई हिन्दू न मुसलमान ये राजनीति है |
मिले पद पावर जोड़ तोड़ करना पड़ता है |
डूबे या उबरे सारा हिंदुस्तान ये राजनीति है |
देश मे हो हजारो समस्याए तो रहने दो |
बैठे कुर्सी अपना खानदान ये राजनीति है |
कहते कुछ और करते कुछ और है सब |
चाहे सारी जनता हो परेसान ये राजनीति है |
चूनाव से पहले सब गठबंधन करते है |
बाद परिणाम करते हलकान ये राजनीति है |
देश के मुद्दे मसले दुश्मन सब हासिये पर |
रह गए पीछे देश के अरमान ये राजनीति है |
देश के लिए लड़े जीते सोचे करे कोई तो |
करे देश जिसपर अभिमान ये राजनीति है |

श्याम कुँवर भारती [राजभर] कवि ,लेखक ,गीतकार ,समाजसेवी ,

मोब /वाहत्सप्प्स -9955509286

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