है, तो है |
यूँ तो है बेताब और भी कई, आशिक कई, तन्हा कई,
पर दिल आज भी सिर्फ उसी के लिए बेकरार है, तो है |
बहुत लिखा गया, बहुत पढ़ा गया, कुछ किया भी गया,
प्यार, मुहब्बत, इश्क, जवानी सब लफ्फाज़ी है, तो है |
वो 8 सालों से गाँव में अकेली रहती है, कभी न कोई ख़त न कोई तार,
पर बूढी आँखों में बेटे से मिलने की आस, आज भी है, तो है |
उसके सपने बांधे गए चांदी की जंजीरों से, सिसकियाँ दबा दी शहनाई की आवाज़ से,
अब बाप के कंधो पर बेटियों का बोझ है, तो है |
यहाँ कुछ जानें रोज जाती है, कुछ जिस्म रोज नोचे जाते हैं,
पर इस शहर में सब अपनी धुन में मगन है, तो है |
कुछ टूटे सपने, कुछ अनुभव खट्टे-मीठे,
कुछ कसमें सच्ची, कुछ वादे झूठे,
कुछ अनुत्तरित सवाल, कुछ मचे हुए बवाल
अब इसी का नाम जिंदगी है, तो है |
कुछ टूटे सपने, कुछ अनुभव खट्टे-मीठे,
कुछ कसमें सच्ची, कुछ वादे झूठे,
कुछ अनुत्तरित सवाल, कुछ मचे हुए बवाल
अब इसी का नाम जिंदगी है, तो है |…. great.
धन्यवाद् ! 🙂
Good
वाह
सुन्दर
Waah waah