ख़ुदा बंदे से

यह ज़िंदगी दी है तुझे, कुछ कर आने के लिए

मेरी इस दुनीया को, कुछ और सजाने के लिए

यह ज़िंदगी दी है तुझे, जीने के लिए

मेरी बनायी हर शय से,  प्यार निभाने के लिये

 

मेरे मन की रज़ा को समझ, वोह सब कम कर आना

अपनी कर्मो से, प्यार पर दुनीया का विश्वास बड़ा आना

बेश्कीम्ती चीज़ है यह ज़िन्दगी, इसे यूँ ही ना गँवा आना

मुझे चाहे भूला देना, पर किसी का दिल ना दुखा आना

 

मैंने अपनी रूह फूँकी है तुझमें, इसे दागदार ना बना आना

रंगीनीयों में डूब कर, अपना ईमान ना गिरा आना

 

आना तो तुझे लौट कर मेरे पास है बंदे,

सर झुका कर कहीँ ना लौट आना,

नही पसन्द मुझे झुके हुए ईमान बंदे,

मुझसे नज़र मिला सकें वोह आँख वापस ले आना

 

ए यूई

ऐसे लौट कर आना मेरे पास

ख़ुद मुझ को भी अपने खुदा होने पर

इक नाज़ सा करा जाना                                                     …… यूई

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Responses

  1. आना तो तुझे लौट कर मेरे पास है बंदे,

    सर झुका कर कहीँ ना लौट आना,

    नही पसन्द मुझे झुके हुए ईमान बंदे,

    मुझसे नज़र मिला सकें वोह आँख वापस
    Bahut khoob

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