ज़िन्दगी
हम भी बेसुध से तेरे बेवफाई से
जीना छोड़ दिये थे
बताना भूल नहीं की कोई साथ नहीं थे तब
सिर्फ गिने चुने छोड़
तुम जानते तोह क्या बोलते
सिर्फ इतनी सी बात पे तुमने जीना छोड़ दिया कह कर
मज़ाक बनाते
तुमने बनाया भी मज़ाक
बुरा लगता था पर जवाब नहीं दिया
पढ़ अंदर ही अंदर टूट चुका था
खुद को समेटना कोई जंग से कम नहीं
कैरियर खत्म होने की कगार पर थी
बस यह ही याद रखना जितनी भी तोड़ो
मेरे रब ने कभी मेरा हाथ ना छोड़ा है
हर इंसान पर है कि वोह वक़्त को किस तरह से देखता है
वो खुद ही हर बात का सॉल्यूशन है
दुनिया मे कोई तुम्हे कोई हरा नहीं सकता है अगर तुम खुद हार ना मानो
तुम मुझसे सब कुछ छीन सकते
जो नहीं छीन सकते वो मेरे लड़ने का जज़्बा
बस यह ही कहना मेरे भाई कोई भी परेशानी हो तोह
खुद को हारा ना समझो अपने रब पर भरोसा रखो
वक़्त का यह ही फिदरत है की वोह कट जाता है
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Pragya Shukla - June 18, 2020, 10:16 am
👌
Antariksha Saha - June 18, 2020, 12:09 pm
Thanks
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - June 18, 2020, 4:35 pm
वाह
Antariksha Saha - June 18, 2020, 9:12 pm
Thanks
देवेश साखरे 'देव' - June 18, 2020, 7:07 pm
Good
Antariksha Saha - June 18, 2020, 9:12 pm
Thanks
Abhishek kumar - July 10, 2020, 11:51 pm
त्रुटियाँ हैं पर भाव अच्छे हैं 👏👏