Categories: शेर-ओ-शायरी
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हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
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मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
मेरी अधूरी प्रेम कहानी
हजारों वजह है तेरे पास मुझसे दूर जाने की , एक वजह मुझे भी दे दो अपने पास आने की ! वादा है मेरा की…
शायरी संग्रह भाग 3
मेरे इलाही मेरे रक़ीब को सलामत रखना। वो भी रोयेंगे मेरे मह़सर में।।1।। विकास कुमार कमति मेर रक़ीब मेरे माशुक को गुल दे दो।…
Very nice
बहुत खूब