Categories: मुक्तक
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
अपराध क्या है?
अपराध नहीं है शेर का हिरण को खाना चिड़ियों का चुगना दाना पेड़ का कड़ी धूप में मुस्कुराना अपराध नहीं है शेर चिड़िया, पेड़ का…
वफादारी
वफादारी देश हित में कुछ काम करो भारत मां को जंजालों से आजाद करो अपने विचारों से योगदान करो करके श्रम देश में सहयोग करो…
Sachchai
सच्चाई से डर के सारे ब्रिक्स चाहिए तो ईमान है तेरा सच्चाई ही धर्म है तेरा सच्चाई तो सेवा है ै सच्चाई ही पूजा है…
करो परिश्रम ——
करो परिश्रम कठिनाई से, जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो त जब मँक्षियारा नाव चलाता,…
👏
Nice
👌👌