आज वह मुरझा गया…!!!
इतना छोटा था उसे
सेवा करके बड़ा किया था
सोंचा और फले-फूले,
चारों दिशाओं में फैले
इसी नीयत से,
उसे बड़े गमले में लगाया
खूब खाद डाली
खूब जल पिलाया
बच्चों की तरह जिसे
रोज नहलाती थी,
वक्त पड़ने पर उसे सहारा देती थी
दिशा दिखाती थी
आज वही मुरझा गया
हाय !
दिल दु:ख रहा
हाय !
अब क्या करूं!!
मेरा वर्षों से लगाया
मनी प्लांट मुरझा गया…!!!😭😭
वाह क्या बात है खूबसूरत कविता लिखी
धन्यवाद आपका
Nice line
आभार
धन्यवाद आपका
Thank you so much
Aapka bahut bahut dhanyvad