Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
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मां तूं दुनिया मेरी
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आकाश-सी फैली
ख़ामोशियों में भी
ये कैसी अनुगुंज फैली है
इन स्याह-सी वीरान रातों में
तेरे आने की आहट सुनाई देती है
बहुत खूब सुमन जी
आपकी कविताओं की अच्छी बात यह है कि
आप शब्दावली
अच्छी यूज करती हो और भाव भी
इसलिए आपके शिल्प पर कोई सवाल ही
नहीं उठता…
सादर धन्यवाद
किसी अपने का इन्तजार करती हुई बहुत ही भाव पूर्ण रचना
सादर धन्यवाद
Very good
सादर धन्यवाद
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
बहुत खूब