उन्हें सलाम करते हैं हम
अपना शीश चढ़ा देते हैं
जो भारत के कदमों पर
उन्हें वीर कहते हैं हम
उन्हें सलाम करते हैं हम.
सरहद पर सीना ताने
बन्दूक लिए हैं कन्धों पर
उन्हें वीर कहते हैं हम
उन्हें सलाम करते हैं हम।
कोई भी दुश्मन आँख उठाकर
देख न पाए भारत को
ऐसे जांबाज खड़े सीमा पर
उन्हें सलाम करते हैं हम।
जाड़ा, गर्मी, बारिश कुछ हो
अडिग खड़े हैं सीमा पर
उन्हें वीर कहते हैं हम
उन्हें सलाम करते हैं हम।
—— डॉ. सतीश पांडेय
भावपूर्ण रचना।
जय हिंद जय भारत
वाह क्या बात है
धन्यवाद
सुंदर रचना
धन्यवाद शास्त्री जी