कलम की ताक़त

ये जो कलम की ताकत है ज़नाब,
ख़ाक से उठा, आसमां तक पहुँचा सकती है।।

Related Articles

ठान लूँ गर

ठान लूँ गर मैं तो कुछ भी कर सकती हूँ ठान लूँ गर मैं तो असंभव भी संभव कर सकती हूँ ठान लूँ गर मैं…

गफलत

जो भी जी में आए फेकिए जनाब तवा पे अपनी रोटी सेकिए जनाब गाय के नाम पे इंसानों को बाँटिए फिर तमाशा गौर से देखिए…

शूरवीर

आज फिर गूँज उठा कश्मीर सुन कर ये खबर दिल सहम गया और घबरा कर हाथ रिमोट पर गया खबर ऐसी थी की दिल गया…

Responses

+

New Report

Close