कश्मकश
न चाह कर भी बहुत कुछ कह जाना पड़ता है,
हो रूठना तो पहले किसी को मनाना पड़ता है,
मुस्कुराते सबको नज़र आते हैं क्या कहें वो,
जिन फूलों को काँटों संग रह जाना पड़ता है,
कश्मकश चलती ही रहती है दिलो दिमागों में,
पर इस काया को माटी में मिल जाना पड़ता है।।
राही अंजाना
वाह बहुत सुंदर
आभार
Bahut khub
आभार
Good
आभार
Nice
Wah