कहर
जहाँ तलक नज़र आता है कहर है,
बाढ़ में डूबा हुआ ये जिन्दा शहर है,
सिसकियाँ हैं कहीं तो दबी सुनो तो,
किस किसने पिया बोलो ये ज़हर है,
झूठ बोलते हैं शांत रहता है समन्दर,
मेरा घर डूबने की वजह एक लहर है,
अंधेरा ही अंधेरा क्यों है चारों तरह ये,
बुलाओ ज़रा उसे जो कहता है पहर है।।
राही अंजाना
Nice
Thank you
आपकी लेखनी ढाती कहर है
धन्यवाद
Teacher’s day post pe bhi comment kar dijiye
सुन्दर पंक्तियां
धन्यवाद
Kya baat
Waah
Wah
Good