Wo hai hamare sikchak mahan
अज्ञानता के तिमिर को हटाकर,
फैलाए ज्ञानता का पून्ज,
वो है हमारे शिक्षक महान,
मां सरस्वती के वे हैं वरदान,
उन पर है हमें अभिमान,
उन्हें करती मैं शत् शत् नमन,
हमारी उपलब्धि के हैं वे स्रोत,
वो है हमारे शिक्षक महान,
उनके पथ पर चलकर ही तो,
हुए इतने पुरुषोत्तम् महान,
रहे खुश होनहारो से वो ,
पाए वो उनका आशीर्वाद,
युगो युगो से है उनकी महिमा,
बिना उनके होता नहीं
यह अपना देश महान,
बिना गुरू के राम,कृप्ण
भी न बनते इतने महान|
बहुत ही सुंदर रचना
Thanks
सुन्दर
Thanks
बहुत सुंदर
Nice