Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
वंदेमातरम् गाता हूँ
नारों में गाते रहने से कोई राष्ट्रवादी नहीं बन सकता। आजादी आजादी चिल्लाने से कोई गांधी नहीं बन सकता। भगत सिंह बनना है तो तुमको…
भोजपुरी होली 13 -करे ले ठिठोली रे कान्हा |
भोजपुरी होली 13 -करे ले ठिठोली रे कान्हा | करेले ठीठोली रे कान्हा कदमिया पर चढ़ी के | रंगवा नहवावे रे सखिया गगरिया मे भरी…
कृष्ण दीवानी
तोसे प्रीत लगाई कान्हा रे! जोगन बन आई कान्हा रे। तोसे प्रीत लगाई कान्हा रे। १. लाख विनती कर हारी, राधा तेरी दीवानी, तेरे दरस…
सुंदर
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
वाह क्या बात है
🌺🌺🌺🌺
Wah
❤️❤️❤️❤️
Good
Welcome
Friends
Call,9971928114
Good