*किस्मत*

किस्मत से ही बनते हैं,
दिलों के रिश्ते
वरना चंद मुलाकातों से,
कहां रिश्ते बना करते हैं..

*****✍️गीता

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

  1. जिन्दगी जीने का सलीका है वरना आदमी तो चंद मुलाकातों में मर जाता है
    यह पंक्तियां याद आ गई आपकी रचना पढ़कर

+

New Report

Close