कुण्डलिया काम करो

करो काम भगवान् का, रखकर हरपल ध्यान
सब जीवों के ह्रदय में, बसते हैं भगवान्
बसते हैं भगवान्, दिखावा नहीं जरूरी
रक्षक बन ईमान, आवश्यकता कर पूरी
कह पाठक कविराय, प्रेम से खाई भरो
सब में ईश्वर अंश, सभी से तुम प्रेम करो

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Responses

  1. मनुष्य को अपने कर्तव्य याद दिलाती तथा कर्तव्य करने को प्रेरित करती पाठक जी की बहुत ही उत्कृष्ट रचना

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