कैप्टन मनोज पाण्डेय”

कैप्टन मनोज पाण्डेय जी
को नमन है
जिनके बलिदान के कारण हम भारतीय साँस लेते हैं
कारगिल के युद्ध को हम कैसे भूल सकते हैं !
अपने प्राणों को किया न्योछावर
भारत माँ की खातिर
मान बढ़ाया भारत का, मिट गए फर्ज की खातिर
अपनी जन्मभूमि का सम्मान से सिर ऊँचा किया
प्रज्ञा’ ने उस वीर जवान को उसकी जयंती पर
अल्फ़ाज़ो से सजे पुष्पों को अर्पित किया।।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)

वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…

बेटी प्रज्ञा

रोहन काका फोर्थ ग्रेड की नौकरी करके अपने दो बेटे प्रदीप ,प्रताप एवं बेटी प्रज्ञा को पढ़ाया लिखाया। प्रज्ञा को ग्रैजुएट करने के बाद ही…

Responses

+

New Report

Close