कोरा था कागज

_”कोरा कागज़ था और कुछ बिखरे हुए लफ़्ज़,_

_ज़िक्र तेरा आया तो सारा कागज़ गुलाबी हो गया !!”_

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ख़त

मैंने उन्हें एक ख़त भिजवाया है एक लिफाफे में उसे रखवाया है देखने में कोरा न लगे,इसलिए उस लिफाफे को खूब सजाया है जो पहुचेगा…

कागज़ और कलम

जब आसपास की खट पट खामोशी में बदलती है। जब तेज़ भागती घडी की सुइंया धीरे धीरे चलती है।।   दिनभर दिमाग के रास्तों पर…

कोरा पन्ना

तू कोरा पन्ना है मैं तेरी लिखावट बन जाऊँगा तू मेरी कलम के शब्द बन जाना मैं तेरे शब्दों की किताब बन जाऊँगा तू गुलाब…

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