Categories: शेर-ओ-शायरी
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यह कैसा दिन आया है
कैसा मंजर यह आया है, चहुंओर अंधेरा छाया है! कितने कुलदीपक बुझ ही गए, कितने परिवार यू उजड़ गए, गर नहीं सचेते अब भी तो,…
साथ न देती
नित भाव मन मे उमड़ रहे है किन्तु लेखनी साथ न देती। खुशबू है चहुँओर बिखरने को तैयार पर ये बेवफा पवन साथ न देती।।
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
कुछ भी कह देना सरल है
दगा करना सरल है वफ़ा करना कठिन है गिराना सरल है किसी को उठाना कठिन है। दिल जोड़ लेना और अपना बोल लेना सरल है,…
A pray for india
जब तक है जीवन तब तक इस की सेवा ही आधार रहे विष्णु का अतुल पुराण रहे नरसिंह के रक्षक वार रहे हे प्राणनाथ! हे…
Nice
Thx
सुन्दर
धन्यवाद
😀🙏
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