Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
मैं चमकता सा शहर हूं
मैं चमकता-सा शहर हूँ, न रुकता हूँ, न थकता हूँ, मेरा कारवां न रुका है, वो फिर से दौड़ता है, एक रफ़्तार के बाद। हादसे…
एक सावन ऐसा भी (कहानी)
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प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
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ब्रह्मचर्य है तो जिन्दगी है,अन्यथा जिन्दगी दुःखों का जड़ है । अगर जिन्दगी मौत है तो हाँ मुझे मौत से लड़ना मंजुर है । मौत…
वाह,पर्वतों की रात के खूबसूरत नज़ारे का बहुत ही खूबसूरत चित्रण प्रस्तुत करती हुई बहुत सुन्दर कविता।बहुत सुंदर लय और बहुत सुंदर शिल्प
सुन्दर समीक्षा हेतु बहुत बहुत धन्यवाद गीता जी, अभिवादन
बहुत खूबसूरत रचना
बहुत बहुत धन्यवाद
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण बहुत सुंदर कविता
बहुत बहुत धन्यवाद
Beautiful lines
Thanks ji
प्रकृति का सजीव चित्रण
धन्यवाद