गणतंत्र दिवस की झांकी
सुन्दर-सुन्दर झांकियों में समाया भारत,
आज राजधानी के राजपथ पर आया भारत।
केरल कर्नाटक आंध्र प्रदेश अरुणाचल,
सब की झांकी आई है।
केरल ने नारियल के सुनहरे फाइबर से,
सारी झांकी सजाई है।
कर्नाटक ने स्वर्ण युग की,
यादें ताजा करवाई हैं।
आंध्र प्रदेश ने देखो नंदी की मूर्ति लगाई है,
लोपाक्षी स्थापत्य कला की,
देश को भव्यता दिखलाई है।
अरुणाचल ने पूर्व से पश्चिम तक की,
पुरातन सभ्यता दिखलाई है।
यह उगते सूर्य की सुन्दर धरा कहलाई है।
यह देखो अब दिल्ली की बारी है,
इसकी झांकी बहुत ही प्यारी है।
चांदनी चौक का पुनर्विकास,
लाल किला और फतेहपुरी भी दिखलाई है।
डिजिटल इंडिया की,
विश्व को झलक दिखलाने को,
आधुनिकिकरण की झांकी बनवाई है।
तीन मॉडल रोबोट के दिखलाए,
मोबाइल में आरोग्य सेतु डलवाए,
आधुनिकिकरण की लहर भारत में आई है।
दिव्यांग जन सशक्तिकरण की,
झांकी प्रथम बार ही आई है।
बाधा मुक्त माहौल पर है जोर,
सांकेतिक भाषा भी दिखलाई है।
आयुष मंत्रालय की झांकी,
औषधीय गुण वाले पौधों का
प्रदर्शन करने आई है।
प्रतिरोधक क्षमता के बारे में बतलाया,
चवनप्राश का गुण समझाया।
स्वस्थ तन तो, स्वस्थ मन
यह मंत्र समझाने आई है।
लौह पुरुष सरदार पटेल की,
झांकी भी राजपथ पर आई है।
कोबरा कमांडोज़ के कार्यों के बारे में,
विश्व को समझाने आई है।
आत्मनिर्भर भारत की झांकी,
राजधानी के राजपथ पर आई है।
भारत के वैज्ञानिकों की बनी कोरोना की,
वैक्सीन विश्व भर में छाई है।
वैज्ञानिकों के सम्मान हेतु,
भारतीय वैज्ञानिक की,
आदम कद की प्रतिमा लगाई है।
अशांत समुंदर में भी,
साहसिक कार्य करने वाली
जय जवान की झांकी आई है।
सागर हितों की रक्षा करती,
यह तटरक्षक की झांकी कहलाई है।
साठ हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर,
सड़क बनाई, दुर्गम स्थानों पर हवाई पट्टी बिछाई
यह सेना की लाइफ लाइन कहलाई है।
फूलों से दी अमर शहीदों को श्रद्धांजलि,
इंडिया गेट, राष्ट्रीय स्मारक एवम् हेलीकॉप्टर,
सब फूलों से ही बनाए।
राजधानी के राजपथ पर
खूब सुगंधि बिखराए।
गणतंत्र दिवस की आप सभी को
बहुत-बहुत शुभकामनाएं।।
____✍️गीता
सब फूलों से ही बनाए।
राजधानी के राजपथ पर
खूब सुगंधि बिखराए।
—— कवि गीता जी की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
सुन्दर समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी
बहुत खूब
बहुत-बहुत धन्यवाद पीयूष जी
अतिसुंदर रचना
Thanks bhai