Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है । प्रेम से ही टिकी हुई, धरती, गगन, भुवन है ।। अर्थ जगत का सार…
अर्थ का महत्व है
अर्थ का महत्व है शब्द तो शब्द है, बिना अर्थ के शब्द निरर्थक है। अर्थ कुछ भी लगाया जा सकता है, निश्चित अर्थ या निर्मित…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
कहीं भीड़ में खो गई है मुहोब्बत
कहीं भीड़ में खो गई है मुहोब्बत पहले है रोटी फिर है मुहोब्बत। जरा पास आओ, हमें कुछ है कहना। नहीं ठीक ऐसे सभी से…
हम तो…..
मैं आज भी गमो का क़र्ज़ चुकाते हुए, अपनी सारी खुशियां दाँव पर लगाये बैठी हूँ। कौन कहता है सिर्फ बेवफा होती है औरत, मैं…
क्या बात है..
वाह गनीमत है
वाह, बहुत ख़ूब
सुंदर