Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: शायरी
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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आसमान से धरती पर उस पानी का गिरना आशाएँ , उम्मीदें जगाकर उस टूटते तारे का गिरना लहराकर उचाई से उस झरने का गिरना न…
कब्र ख़ुद की खोद के गिरना
उठना गिरना यूँ है उसके हाथ कब्र ख़ुद की खोद के गिरना यह कहाँ की लियाकत है …… यूई
मैंने देखा है ,शैतान ! इंसानों में
दानव तो है, यूं ही बदनाम ग्रंथ-पुराणों में , मैंने देखा है,शैतान! इंसानों में। रूह कांप जाए; हृदय फट जाए, हैवानियत की हदें पैर फैलाए।…
बर्फ़ गिर रहा है
बर्फ़ गिर रहा है सर्द चमन में निशा के तम में कोई सड़क पर रो रहा है बर्फ़ गिर रहा है निल गगन में, बिना…
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स्वछन्द प्रकृति का इन्सान हूं लेकिन नहीं चाहता मेरे कारण कोई रोये मुझे अपने ढंग से जीना पसंद है, बंधनों में बंधने की मेरी आदत…
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