Categories: शेर-ओ-शायरी
Related Articles
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
किसे कदर देखेगा
कुछ ऐसा कर जाएंगे, सारा शहर देखेगा। मेरे शहर का, अब हर एक बशर देखेगा। मेरे सितारे भी चमकेंगे एक दिन यकीनन, गुज़रूं जहां से,…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
“कवि हूँ मैं सरयू तट का “
“कवि हूँ मैं सरयू तट का ” कवि हूँ मैं सरयू तट का समय चक्र के उलट पलट का मानव मर्यादा की खातिर सिर्फ अयोध्या…
वाह बहुत खूब
बहुत उम्दा
जब से देखी है सनम की सूरत मैनें
तब से मैं
चाँद को चाँद नहीं कहती हूँ!!
वाह वाह, क्या बात है, बहुत खूब
बहुत ख़ूब लिखा है