चांद भी फीका पड़ गया

चाँद भी फीका पड़ गया
तेरे छत पे आने के बाद।
सूरज भी नभ में ढक गया
जुल्फ घटा लहराने के बाद।।
कोयल भी सुनकर मौन है
तेरे सरगम गाने के बाद।
‘विनयचंद ‘ सब पा लिया
एक तुझको पाने के बाद।।

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