Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
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दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
अतिसुंदर भाव
धन्यवाद आपका
“लब खामोश हों फिर भी बहुत कुछ कह जाते हैं”
हृदय स्पर्शी रचना , बहुत सुंदर
Thank u soooooo much sister……..
Welcome ji
मन की भीतरी परतों से जुड़ी संवेदना को बहुत सुंदर स्वरूप में उकेरा गया है। कथ्य में गहराई और शिल्प में सरलता का समावेश है। भावपूर्ण रचना
धन्यवाद भाई
सुंदर और सटीक समीक्षा करके मेरा हौसला बढा़ने के लिए
मन के भावों को दर्शाती सुन्दर पंक्तियां