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कमाए तूने पत्थर, चाहता है हीरे बंदिया
ता-उमर लगायी दौलत कमाने मैं तूने जो कमाया अब वोही तो तेरा है बंदिया बेवफ़ाई पे मेरी क्यों तूँ इतना बिखर गया वफ़ा तूने क्मायी…
देश दर्शन
शब्दों की सीमा लांघते शिशुपालो को, कृष्ण का सुदर्शन दिखलाने आया हूं, मैं देश दिखाने आया हूं।। नारी को अबला समझने वालों को, मां…
प्रेम का संदेश दें
अपनी खुशियों पर रहें खुश दूसरों से क्यों भिड़ें, बात छोटी को बड़ी कर पशु सरीखे क्यों लड़ें। जिन्दगी जीनी सभी ने क्यों किसी को…
सारा जीवन खो आया हूँ तब आया हूँ
सारा जीवन खो आया हूँ तब आया हूँ पाप पुण्य सब ढो आया हूँ तब आया हूँ तुम पावन हो देवतुल्य, मैं तुम्हें समर्पित कलुष…
सबसे मिलना सीख ले बंदिया
अकड़ अकड़ में मिट जाएगा कुछ ना तुझको मिल पाएगा सबसे मिलना सीख ले बंदिया झुक के जीना सीख ले बंदिया …… यूई
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति। आपकी कवित्त्व क्षमता प्रशंसनीय है।
बहुत बहुत आभार
आशा करती हूँ आपके मार्गदर्शन से निखार आएगा।
अतिसुंदर भाव
बहुत बहुत धन्यवाद
जिंदगी इक तमाशा है
वाह अनु जी ज़िन्दगी की परिभाषा व्यक्त करती हुई बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति। उत्तम लेखन
बहुत बहुत आभार