Anu Singla
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Anu Singla commented on the post, लोहड़ी का त्यौहार 2 days, 13 hours ago
बहुत बहुत धन्यवाद
लोहड़ी की हार्दिक शुभकामनायें -
Anu Singla commented on the post, लोहड़ी का त्यौहार 2 days, 13 hours ago
बहुत बहुत धन्यवाद गीता जी
लोहड़ी के त्यौहार की हार्दिक शुभकामनायें -
Anu Singla wrote a new post, लोहड़ी का त्यौहार 2 days, 17 hours ago
आजो सारे, आजो सारे ,रल मिल लोहड़ी पाइऐ,
दुल्ला भट्टी दा गीत गा,विहड़े विच अलाव जलाइऐ,
मूँगफली,गच्चक,रेवड़ी खाइऐ ते सबनू खवाइऐ,
मक्की दी रोटी, सरसों दा साग,खीर बनाइऐ,
पतंग उड़ाइऐ,नवी फसल दी खुशी म […] -
Anu Singla commented on the post, पूँजी तेरे खेल निराले 3 days, 17 hours ago
सत्य वचन
सुन्दर रचना -
Anu Singla commented on the post, रिक्शा 3 days, 17 hours ago
बहुत सुन्दर विचार हैं आपके, सुन्दर भाव
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Anu Singla commented on the post, मेरे पापा 4 days, 3 hours ago
अति उत्तम रचना गीता जी
पापा भगवान् का ही एक रूप होते हैं। -
Anu Singla commented on the post, सत्य के लिए लड़ना पड़ता है 6 days, 2 hours ago
बिलकुल सही कहा है आपने
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Anu Singla commented on the post, जिंदगी इक तमाशा 6 days, 12 hours ago
बहुत बहुत आभार
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Anu Singla commented on the post, जिंदगी इक तमाशा 6 days, 16 hours ago
बहुत बहुत धन्यवाद
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Anu Singla commented on the post, जिंदगी इक तमाशा 6 days, 17 hours ago
बहुत बहुत आभार
आशा करती हूँ आपके मार्गदर्शन से निखार आएगा। -
Anu Singla wrote a new post, जिंदगी इक तमाशा 1 week ago
जिंदगी इक तमाशा है
तमाशा वेखण आया ऐ बंदिया तु
वेख जी भरके ज़माने दे रंगां नु
पर किसे दा तमाशा बनावी ना
ते आपनां भी विखावी ना। -
Anu Singla commented on the post, चैन गंवा कर खूब कमाया (चौपाई छन्द) 1 week, 1 day ago
बहुत खूबसूरत
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Anu Singla commented on the post, ग़ालिब 1 week, 1 day ago
अति उत्तम रचना
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Anu Singla commented on the post, ग़ालिब 1 week, 1 day ago
अति उत्तम रचना
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Anu Singla commented on the post, मृग मरीचिका 1 week, 1 day ago
बहुत बहुत आभार
समीक्षा के लिए धन्यवाद। -
Anu Singla commented on the post, मृग मरीचिका 1 week, 2 days ago
बहुत बहुत आभार गीता जी
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Anu Singla commented on the post, मृग मरीचिका 1 week, 2 days ago
शुक्रिया जी
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Anu Singla commented on the post, मृग मरीचिका 1 week, 2 days ago
सुधार के लिए सुझाव का स्वागत है।
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Anu Singla wrote a new post, मृग मरीचिका 1 week, 2 days ago
वो छत क्या
अचानक गिर गई
गिरी नही
ऐसा कहो गिराई गई
नींव संवेदनहीनता की
रेत लालच की
ईंट भ्रष्टाचार की
सीमेंट बेईमानी का
माया का जाल बिछा
मूल्यों को तिजोरी में बंद
इंसानियत को दफना
निर्माण …….. […]-
सुधार के लिए सुझाव का स्वागत है।
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बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
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शुक्रिया जी
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“नींव संवेदनहीनता की रेत लालच की
ईंट भ्रष्टाचार की सीमेंट बेईमानी का”
बहुत सही लिखा है अनु जी लालच और भ्रष्टाचार और बेईमानी यही सब मिलकर बनाई थी वह दीवार जिसमें मासूम लोग दब कर मर गए। बहुत ही सटीक चित्रण-
बहुत बहुत आभार गीता जी
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कवि अनु जी की कविता, यथार्थ की सच्ची अभिव्यक्ति है। काव्य के मानदंड पर खरी उतरती रचना है यह। मनुष्यता की पीड़ा की अनुगूंज इस कविता में सुनाई दे रही है। आज सर्वाधिक पतन इंसानियत का ही हुआ है। लालच की खातिर वह घटिया निर्माण करता है, जिससे मासूम लोग दब कर काल का ग्रास बन जाते हैं। यह कविता सच्चाई को प्रखर रूप से सामने लाने में सफल हुई है। बहुत खूब
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बहुत बहुत आभार
समीक्षा के लिए धन्यवाद।
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Anu Singla commented on the post, बादल घिरे हुये हैं नभ में 1 week, 2 days ago
बहुत सुन्दर
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लोहड़ी के त्यौहार,पर बहुत सुंदर रचना
लोहड़ी के त्यौहार की बहुत-बहुत शुभकामनाएं
बहुत बहुत धन्यवाद गीता जी
लोहड़ी के त्यौहार की हार्दिक शुभकामनायें
ਸਬ ਨੂੰ ਲੋਹੜੀ ਦੀ ਵਧਾਈ ਹੋਵੇ
ਘਰ ਘਰ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਦੀ ਗਰਮਾਈ ਹੋਵੇ
बहुत बहुत धन्यवाद
लोहड़ी की हार्दिक शुभकामनायें