Categories: शेर-ओ-शायरी
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तेरे ही आसपास कल्पना कवि की है,…..! (गीत)
तेरे ही आसपास कल्पना कवि की है,…..! (गीत) तेरे ही आसपास कल्पना कवि की है, कल्पना कवि की है, वंचना कवि की है, वंचना कवि…
हिम्मत कभी ना हारना
जब पास तेरे कुछ ना हो उम्मीद किसी से कुछ ना हो अमावस की रात हो काला घाना अंधकार हो तब खुद को तू सवारना…
अपहरण
” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…
नारी तू ही शक्ति है (महिला दिवस पर विशेष)
नारी तू कमजोर नहीं, तुझमें अलोकिक शक्ति है, भूमण्डल पर तुमसे ही, जीवों की होती उत्पत्ति है। प्रकृति की अनमोल मूरत, तू देवी जैसी लगती…
चन्द्रयान
चन्द्रयान गिरते सम्भलते उठते रहेंगे चांद की गली में पहुंच कर रहेंगे सम्पर्क टूटने से रिस्ते खत्म नहीं होते कामयाबी की सीढ़ी चढ़ कर रहेंगे…
बहुत खूब
बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां
खूब