Categories: शेर-ओ-शायरी
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सुन्दर सुन्दर सपने अपने
कविता सुन्दर सुन्दर सपने अपने, सुन्दर अपना हिन्दुस्तान है। जहां बहती नदिया झरने, करती दुनिया गुणगान है। सुन्दर सुन्दर – – – – कर्म धर्म…
हमसे दीवाने कहाँ..
अब कहां हमसे दीवाने रह गये प्रेम की परिभाषा और मायने बदल गये, तब न होती थी एक- दूजे से मुलाकाते, सिर्फ इशारों मे होती…
प्रा:त काल में सुन्दर नज़राना
हरी दूब पर सुबह सवेरे, किस के बिखर गए हैं मोती। किस जौहरी का लुट गया है, देखो सुबह-सुबह खजाना। पुष्प और पल्लव सब मुस्काए,…
मैं आर देख रहा था, मैं पार देख रहा था…
मैं आर देख रहा था, मैं पार देख रहा था, बंद लतीफों की खड़े -खड़े मल्हार देख रहा था, सोचा था तंग आकर लिखूंगा ये…
माता – पिता पर आधारित
दिल के एक कोने मे मन्दिर बना लो। मात-पिता की मूरत उस मे बिठा लो। दिया ना जलाओ पर गले से लगा लो। आरती के…
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धन्यवाद
Good
Thx
Ok
Good
Thank u