तेरे होठों की मुस्कुराहट
तेरी होठों की मुस्कुराहट का,
अलग ही फलसफा है ।
जहां खोता हूं मैं ,
और दिल हंसता है ।
भूल जाता हूं ,
मैं इस अदब को ,
जिसे मोहब्बत कहते हैं।
जहां खोया रहता हूं मैं,
मशगूल होता हूं ,
तेरी मुस्कुराहट में ।
चाहता हूं मैं,
इसकी वजह बन जाऊं।
तुम हंसो गुलिस्ता की तरह,
और मैं इसका ,
गुलशन बन जाऊं…..
Nice lines
Thank you
सुन्दर अभिव्यक्ति
धन्यवाद जी
बहुत खूब
धन्यवाद सर
अतिसुंदर
बहुत बहुत धन्यवाद
अद्भुताकार
🙏🙏
बहुत सुंदर पंक्तियाँ
धन्यवाद सर