Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
प्यारे बच्चों
प्यारे बच्चों, प्यारे बच्चों आओ मेरे पास, दूर वहाँ क्यों बैठो हो तुम हो क्यों इतने उदास? आओ मिलकर पाठ पढ़ें कुछ सीखें नयी बात,…
एक ऐसी ईद
एक ऐसी ईद भी आई एक ऐसी नवरात गई जब न मंदिरों में घंटे बजे न मस्जिदों में चहल कदमी हुई बाँध रखा था हमने…
आओ सीखे
प्यारे बच्चों,प्यारे बच्चों आओ मेरे पास, दूर वहाँ क्यो बैठो हो तुम हो क्यो इतने उदास? आओ मिलकर पाठ पढ़े कुछ सीखे नयी बात, मिल…
आओ कवितायें करते हैं
आओ कवितायें करते हैं मीठी-मीठी, प्यारी प्यारी श्रृंगार भरी, मनुहार भरी दिल में उगते नव प्यार भरी आओ कवितायें करते हैं, रूठी – रूठी, टूटी-…
जी जरूर दिल के मैल साफ करके अच्छा-अच्छा लिखिए किसी को कुछ मत बोलिए
यहाँ सब बहुत अच्छे हैं सर ok
सादर स्वीकार 🙏🌹
🙏🙏
बिल्कुल सर ! अगर हम अच्छा सोचते हैं तो सारा जहान अच्छा लगने लगता है।
इस नश्वर संसार में कितना सफ़र बाकी है कुछ नहीं पता। जब तक यहां है तब तक
बस प्रेम बांटते रहे।🙏
जी सर, बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत खूब
धन्यवाद शास्त्री जी
Nice lines