दुःख-दर्द दूर हो मानव का

चल मेरे प्यारे साथी
अब असली कविता करते हैं।
दुःख-दर्द दूर हो मानव का
ऐसी कवितायें करते हैं।

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Responses

  1. जी जरूर दिल के मैल साफ करके अच्छा-अच्छा लिखिए किसी को कुछ मत बोलिए
    यहाँ सब बहुत अच्छे हैं सर ok

  2. बिल्कुल सर ! अगर हम अच्छा सोचते हैं तो सारा जहान अच्छा लगने लगता है।
    इस नश्वर संसार में कितना सफ़र बाकी है कुछ नहीं पता। जब तक यहां है तब तक
    बस प्रेम बांटते रहे।🙏

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